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Friday, May 13, 2016

धोखा : मज़बूरी या आदत (IAS या ISI)

UPSC की IAS परीक्षा में स्थान पाए जालना के अंसार शेख ने कहा है कि पुणे में मकान लेने के लिए उसे अपना नाम शुभम रखना पड़ा,
लेकिन अब अंसार शेख के इस बयान पर कुछ स्वाभाविक सवाल उठते हैं... 

१) अगर उसने मकान लेने के लिए "शुभम" नाम रखा, तो शुभम नाम का आईडी प्रूफ उसने कहाँ से बनवाया, ऐसा कोई फर्जी आईडी प्रूफ बनाने में उसे किसने मदद की??

२) यदि अंसार शेख को हिंदुओं की बस्ती में मकान नहीं मिल रहे थे, तो क्या पुणे के सारे मुसलमान मर गए थे? या पुणे में मुसलमान रहते ही नहीं हैं? या फिर मुसलमानों के मोहल्ले रहने और पढ़ाई के माहौल लायक नहीं होते.

३) क्या अंसार शेख की नीयत में खोट था, जो वह नाम और पहचान बदलकर पुणे के हिन्दू कालोनी में रह रहा था??

४) पुणे पुलिस की कर्मठता और जिस व्यक्ति ने अंसार शेख को मकान दिया, उसकी जाँच और पूछताछ क्यों नहीं की गई??
चलो ये सब तो वे प्रश्न हुए जो उसके बयां के साथ हर किसी के दिमाग में आए होने, अब वजहों का थोडा विश्लेषण करते है
१) उसके पुरखों और वर्तमान पीढ़ी ने इतना अविश्वास कमाया कि उसे शुभम होना पड़ा,अपने विश्वासघातों का इतिहास एक और धोखे से छुपा के एक विश्वासघात की गिनती और बढ़ा ली तुमने अंसार!! यही धोखा तुम्हारी पहचान है।

जब इस पहचान से छुपना चाहोगे, हमारे नामों में, हमारे धर्म में और हमारी पहचान में ही शरण लोगे, क्योंकि शरण सिर्फ विश्वास ही दे सकता है जो तुम्हारे पास है नहीं और कभी होगा भी नहीं।

और अंतिम बात... जिसकी शुरुआत ही ऐसे "फर्जीवाड़े" से हुई हो, वह किस टाईप का IAS अधिकारी बनेगा...

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